भ्रामक विज्ञापनों पर केंद्र सरकार का सख्त रुख
तीन कंपनियों पर जुर्माना और 13 ने विज्ञापन लिया वापस
नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापनों पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कई कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की है। सरकार के कड़े तेवर को देखते हुए एक दर्जन से अधिक कंपनियों ने अपने विज्ञापन वापस ले लिए हैं। कुछ कंपनियों ने तत्काल प्रभाव से अपने विज्ञापनों में जरूरी सुधार कर लिया है। जबकि उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाले विज्ञापनों के लिए दोषी पाई गई तीन कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया है।
उपभोक्ताओं को ठगने वाले इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का गठन किया है। सूरत संवारने, दांत चमकाने, काले को गोरा बनाने, आंखों की रोशनी बढ़ाने ही नहीं बिना किसी वैज्ञानिक आधार के कोरोना वायरस को भगाने जैसे भ्रामक विज्ञापनों की बाढ़ आई है। ऐसे विज्ञापन टीवी चैनलों के साथ पत्र पत्रिकाओं और सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। सीसीपीए ने प्राप्त ऐसी शिकायतों की महानिदेशक स्तर के अधिकारी से जांच कराई। संबंधित विभागों से कराई गई फौरी जांच रिपोर्ट में विज्ञापनों में कंपनियों के किए गए दावे झूठे पाए गए। प्राधिकरण के रडार पर कई और कंपनियां हैं, जिनके ऊपर जल्दी ही गाज गिर सकती है। इसके बाद ही संबंधित दो दर्जन से अधिक कंपनियों को चेतावनी नोटिस भेजा गया, जिसके मद्देजनर तत्काल 13 कंपनियों ने अपने विज्ञापनों को हटा लिया। लेकिन तीन कंपनियों के उत्पादों के दावों और उनके उत्पाद की जांच रिपोर्ट में कोई तालमेल नहीं पाया गया। इसके मद्देनजर उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की गई है। हालांकि बाकी कंपनियों की जांच भी जारी है। आने वाले दिनों में कुछ और कंपनियों पर गाज गिर सकती है। यह जानकारी लोकसभा में पूछे एक लिखित सवाल के जवाब में केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री अश्विनी चैबे ने दी है। उन्होंने बताया कि सीसीपीए ने दो कंपनियों को सेफ्टी नोटिस जारी कर उपभोक्ताओं को अलर्ट किया है, जिनके उत्पादों को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मानक के अनुरूप नहीं पाया गया है। उपभोक्ता हितों को देखते हुए प्राधिकरण ने औद्योगिक संगठनों को इस मामले में एडवाइजरी जारी की है। चैबे ने बताया कि उपभोक्ता हितों के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सरकार किसी भी तरह की रियायत नहीं बरतेगी। इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों के विरुद्ध सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि खानपान की वस्तुओं में सेफ्टी मानकों से किसी भी हाल में समझौता नहीं कर सकती हैं। पैकेजिंग और लेवलिंग में भी गड़बड़िघ्यों पर नजर रखी जा रही है।