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स्कूली शिक्षा में बदलावों की प्रत्येक स्तरों पर होगी परख, नेशनल अचीवमेंट सर्वे बनेगा आधार

नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के जरिए स्कूली शिक्षा में सुधार के जो सपने देखे गए है, उन्हें नीति के लागू होने के साथ ही जमीन पर परखा भी जाएगा। यह परख प्रत्येक स्तरों पर एक निश्चित अंतराल पर होगी। साथ ही जिस स्तर पर जैसी जरूरत समझी जाएगी उसे और मजबूती भी दी जाएगी। फिलहाल इस पूरे आकलन का आधार हाल ही में आई नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस)-2021 की रिपोर्ट होगी। जिसमें अभी भी बच्चे गणित व विज्ञान जैसे विषयों में औसत रूप से कमजोर पाए गए है।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्कूली शिक्षा के बदलावों को परखने के लिए तीन वर्षों के बाद फिर से नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) होगा, जो 2021 के लिए तय किए गए मानकों के आधार पर होगा। यह 2024 में होगा। इसके प्रदर्शन के आधार पर स्कूली शिक्षा के बदलावों को परखा जाएगा। वैसे भी तब तक एनईपी की स्कूली शिक्षा से जुड़ी ज्यादातर सिफारिशें लागू हो चुकी होगी। ऐसे में स्कूली शिक्षा के नजरिए से एनएएस की रिपोर्ट काफी अहम होगी।
नवंबर 2021 में हुए इस सर्वे में 720 जिलों के देश भर के 1.18लाख स्कूलों ने हिस्सा लिया है। जिसमें तीसरी, पांचवी, आठवीं व दसवीं के 34 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। इसमें राज्यों को भी प्रमुखता से शामिल किया जा रहा है, ताकि वह नीति के तहत किए जाने वाले सुधारों को तेजी से अपनाए। माना जा रहा है कि इससे नीति लागू करने को लेकर राज्यों की सक्रियता भी सामने आएगी।
जो राज्य इसे लागू करने में पिछड़ेंगे उनका प्रदर्शन भी कमजोर होगा। गौरतलब है कि एनएएस रिपोर्ट में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार सहित बच्चों के सीखने की क्षमता का आकलन राज्यवार किया जाता है। इसके आधार पर ही राष्ट्रीय औसत तय किया जाता है।

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