21 जुलाई को मिलेंगे भारत को 15वें राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को होगा समाप्त
दिल्ली। वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को देवभूमि हिमाचल प्रदेश की पर्यटन एवं बौद्ध नगरी धर्मशाला में पहुंच रहे हैं। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए समस्त हिमाचल उनका स्वागत करने को आतुर है। वहीं अब देश को 21 जुलाई को नए 15वें राष्ट्रपति मिल जाएंगे।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होना था, इससे पहले-पहले राष्ट्रपति का चयन करना अनिवार्य है, इसके तहत ही अब चुनावों की तिथियां भी घोषित कर दी गई है। ऐसे में अब 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे और 15वें राष्ट्रपति के लिए 21 जुलाई को मतगणना होगी। ऐसे में 24 जुलाई से पहले-पहले सभी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। इस लिहाज से अब वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का हिमाचल में आखिरी दौरा हो सकता है। हालांकि इसके बाद नए या वर्तमान राष्ट्रपति को ही दोबारा चयन होने पर 15वें राष्ट्रपति के रूप में नया कार्यकाल 24 जुलाई से पहले शुरू हो जाएगा। देवभूमि व वीरभूमि हिमाचल प्रदेश में 10 व 11 जून को पहुंच रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 20 जुलाई, 2017 को देश के 14वें राष्ट्रपति चुने गए।
इनका शपथ ग्रहण समारोह 25 जुलाई, 2017 को तय किया गया था। 19 जून, 2017 को देश की सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी बीजेपी के तत्त्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इनका नाम 17 जुलाई, 2017 को होने वाले भारत के राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की तरफ से सुझाया था। रामनाथ कोविंद तत्कालिक समय में बिहार राज्य के राज्यपाल रहे, किंतु इससे पहले ये देश की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के नेता थे। इनका राजनीतिक सफर कई मोड़ से गुज़रते हुए देखा जा सकता है। इन्होने कई तरह की भूमिका में देश में भाग लिया है, जिसमें एक समाज सेवी, एक वकील और एक राज्यसभा सांसद के तौर पर काम करते हुए कमजोर तबके के लोगों को हर तरह से लाभ पहुंचाने की कोशिश की। अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उन्होंने 28 देशों की राजकीय यात्राएं की हैं। उन्हें छह देशों, मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, इस्वातिनी, क्रोएशिया, बोलीविया और गिनी गणराज्य से सर्वाेच्च राज्य सम्मान मिला है। उनके कार्यकाल के शुरू करने के कुछ ही हफ्तों बाद उपराष्ट्रपति के लिए भाजपा के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने 2017 का भारतीय उपराष्ट्रपति चुनाव जीता।
राष्ट्रपति कोविंद ने पद की शपथ दिलाई। इसके बाद वर्ष 2019 में उन्होंने नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री निर्वाचित होने पर पद की शपथ दिलाई। उन्होंने कोविड-19 महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन के दौरान कार्यालय संभाला है। इसके अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत की तरफ से सैकड़ों महत्त्वपूर्ण संधियों व बिलों को किय्राविंत किए जाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें यह भी महत्त्वपूर्ण है कि वह भारत के राष्ट्रपति के पद पर काबिज होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पहले नेता हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान दीपक मिश्रा, रंजन गोगोई, शरद अरविंद बोबडे और एनवी रमना को सर्वाेच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वाेच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के अन्य न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया।