उत्तराखण्ड

कृषि मंत्री जोशी ने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र के सम्मुख उत्तराखण्ड राज्य में कृषि व बागवानी के क्षेत्र में व्यापक सम्भावनाओं को की पेश

जैविक कृषि के लिए 100 प्रतिशत अनुदान दिए जाने की आवश्यकता
देहरादून। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से देश के सभी राज्यों के कृषि एवं बागवानी मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन कर्नाटक के बेंगलूरू में 14.15 जुलाई को आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में राज्य का प्रतिनिधित्व कृषि मंत्री गणेश जोशी कर रहे हैं। आज सम्मेलन के प्रथम दिन उन्होंने उत्तराखण्ड जैसे हिमालयी राज्य में कृषि तथा बागवानी गतिविधियों के महत्व पर तथा कृषि एवं बागवानी के विकास के रोडमैप का ब्लूप्रिंट प्रस्तुत किया। इस अवसर का लाभ उठाते हुए उन्होंने राज्य के लिए 100 प्रतिशत केन्द्रीय अनुदान की मांग को भी पुख्ता तौर पर पेश किया। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर तथा अन्य राज्यों के कृषि मंत्रियों के सम्मुख उत्तराखण्ड राज्य में कृषि तथा बागवानी क्षेत्र में मौजूद व्यापक सम्भावनाओं को पेश किया। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिकी को मजबूत करने के साथ ही कृषि तथा बागवानी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन की गंभीर समस्या को संबोधित करने का सबसे कारगर टूल बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य कृषि तथा बागवानी के समग्र विकास के दूरगामी योजना बना कर उसी रोडमैप पर आगे बढ़ रहा है। हमने पारम्परिक कृषि उत्पादों के साथ ही मोटे अनाजोंए बागवनी उत्पादों तथा पुष्प उत्पाद के क्षेत्रें को क्लस्टर अप्रोच के तहत चरणबद्ध तरीके से विकसित करने की योजना बनाई है। साथ ही हर वैल्यू चेन को सर्पोट देने के लिए आवश्यक कृषि आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने तथा फूड प्रोसेसिंग गतिविधियों को विश्वस्तरीय बनाने एवं किसानों को उत्पादों के गुणवत्ता के अनुरूप क्षेत्रीयए राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध करवाने पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के बढ़ते नगरीकरण के समय में गुणवत्ता युत्तफ़ कृषि तथा बागवानी उत्पादों विशेष तौर पर ऑर्गेनिक उत्पादों की जबर्दस्त मांग है। उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य में मौजूद शुद्ध पर्यावरणीय तथा तापमान परिस्थितियों के आधार पर राज्य में ऑर्गेनिक कृषि की भरपूर संभावनाएं हैं। राज्य के किसानों को ऑर्गेनिक कृषि की ओर मिशन मोड पर प्रेरित करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों की ही तर्ज पर जैविक कृषि के लिए 100 प्रतिशत अनुदान दिए जाने की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भी भौगोलिक तथा पर्यावरणीय परिस्थितियांए नॉर्थ . ईस्ट प्रदेशों की ही तरह की हैं। उत्तराऽण्ड भी वैसा ही पर्वतीय राज्य है। अतः उत्तराऽण्ड राज्य को भी नॉर्थ . ईस्ट प्रदेशों में संचालित एमओवीसीडी ;मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलेपमेंटद्ध की तर्ज पर प्रदेश में भी ऑर्गेनिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए शतप्रतिशत अनुदान दिया जाए।

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