उत्तराखण्ड

उत्तराखण्ड में डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जारी किये एडवाइजारी

देहरादून। उत्तराखण्ड में डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अलर्ट हो गया है। मिशन निदेशक एनएचएम उत्तराखण्ड डॉ. आर राजेश कुमार ने डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को 24 बिन्दुओं पर एडवाइजारी जारी की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मच्छरजनित रोग डेंगू एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में सामने आ रहा है एवं राज्य में डेंगू रोग की रोकथाम और नियंत्रण जरूरी हो जाता है। डॉ. कुमार ने कहा कि माह जुलाई से नवम्बर तक समय डेंगू वायरस के संक्रमण के लिए अनुकूल होता है। ऐसे में आगामी महीनों में डेंगू रोग के प्रसारित होने की संभावना को देखते हुए इसकी रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जायें। एमडी एनएचम की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि डेंगू रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए अन्य सभी विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। सभी विभागों की ओर डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण को उनकी ओर से की जाने वाली गतिविधियों समयान्तर्गत की जाये ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सकें और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग को निरस्तर प्राप्त की जाये। डेंगू रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण,जल संस्थान, जल निगम आदि के सहयोग व अंतर्विभागीय समन्वय के लिए जनपद स्तर पर बैठकों का समय से आयोजन किया जाए व डेंगू नियंत्रण में सभी विभगों की ओर से समन्वय से कार्यवाही की जाये। डेंगू रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए ब्लॉक स्तरीय माइक्रोप्लान तैयार कर समयार्न्तगत समस्त कार्यवाहियां की जायें एवं निरन्तर मूल्यांकन एवं अनुश्रवण यिा जाये। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए समस्त विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने एवं प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों औ पर्वतीय क्षेत्रों के घाटी क्षेत्रों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाये। प्रत्येक स्तर पर ‘डेंगू स्वच्छता पखवाड़ा’’ मनाया जाये एवं सभी राजकीय, निजी संस्थानों, परिसरों को डेंगू मुक्त रखा जाये। शहरी विकास विभाग, वार्ड पार्षदों एवं ग्रामीणों विकास विभाग, पंचायती राज व ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायतों एवं जनप्रतिनिधयों आदि के माध्यम से निरन्तर स्वच्छता अभियान चलाया जाये एवं डेंगू की रोकथाम एवं जनजागरूकता में सहयोग लिया जाये। मलिन बस्तियों में डेंगू लारवा पनपने की अत्यधिक संभावना के चते ऐसे स्थानों में विशेष सफाई अभियान चलाया जाये।
स्कूल परिसर में डेंगू मच्छरों के पनपने के स्थानों की पहचान कर निस्तारण किया जाये एवं स्कूल परिसर में निरन्तर साफ-सफाई की जाये एवं मच्छरों के पनपने के सम्भावित स्थानों जैसे ओवरहेड पानी की टंकियों को ढक कर रखा जाये। गमले, ठोस कबाड़, कृत्रिम पात्र, कूलर इत्यादि में जमा पानी को निरन्तर साफ किया जाये। स्कूल के सभी कमरों के दरवाजे और खिडकियों में जारी लगी है। डेंगे संक्रमण अवधि में स्कूल विद्यार्थियों को मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी बाजू की शर्ट , पतलून लेगिग, लंबी जुराबों वाली डेªस पहनने के निर्देश दिये जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों के काटने से बचाव किया जा सके। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण पर छात्र-छात्रओं की जागरूकता के लिए संगोष्ठी, सेमिनार, वाद -विवाद , पोस्टर, चित्रकला, निबन्ध लेखन आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाये। छात्र-छात्रओं के माथ्यमों से उनके घर व आस-पास डेंगू निरोधात्मक वातावरण के प्रति जागरूकता के लिए प्रोजेक्ट वर्क दिए जाये।
डेंगू रोग पर नियंत्रण को लारवा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिसके लिए नगर निगम, नगर पालिका, आशा कार्यकत्री, ग्राम पहरीव अन्य विभागोें के सहयोग से टीमें बनाकर क्षेत्र में कार्यवाही की जाय। सभी जनपद डेंगू की जांच के लिए एलाइजा मशीन एवं जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
सभी जनपदों के चिकित्सालयों में पृथक डेंगूआईसोलेशन वार्ड तैयार कर मच्छरदानी युक्त पर्याप्त बेड व औषधियों के उपलब्धता एवं मानकानुसार उपचार सुनिश्चित किया जाये एवं डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाए। डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण मेें पहचान के लिए फीवर सर्वे किये जाये, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाए।
डेंगू रोगी पाये जाने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से जगह कराने के साथ-साथ जनपद स्तर पर गठित रैपिड रिस्पान्स टीम (आरआरटी) की ओर से क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलेंन्स एवं लारवा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) कराया जाये। डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए आवश्यकतानुसार फॉगिंग की जाए। इनके अलावा 24 बिन्दुओं की एडवाइजरी में कई और दिशा-निर्देश भी डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए दिए गए हैं।

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