यूज्ड कुकिंग ऑयल से होने वाली बीमारियों और उनके कारणों के बारे में बताया
देहरादून। खाद्य सुरक्षा आयुक्त राधिका झा के निर्देशों पर देहरादून में इस्तेमाल शुदा खाद्य तेल से बायो डीजल बनाने के भारत सरकार के महत्वपूर्ण रुको अभियान को लेकर खाद्य एवं औषधि विभाग, उत्तराखंड सरकार और एसडीसी फाउंडेशन ने तीन दिवसीय रुको अभियान चलाया गया। देहरादून मे सीएसआईआर-आईआईपी, खाद्य एवं औषधि विभाग और एसडीसी फाउंडेशन की ओर से चलाया जा रहा रिपरपज्ड यूज्य कुकिंग ऑयल (रुको) अभियान तीन वर्ष पूर्व शुरू किया गया था। कोविड और अन्य कारणों से कुछ समय से बंद रहने के बाद अब फिर से अभियान को तेज कर दिया गया है। पिछले तीन दिनों में इस अभियान के तहत दून में फूड बिजनेस आउटलेट्स मे जागरूकता अभियान किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत जिन फूड बिजनेस आउटलेट्स के साथ जागरूकता संवाद किये गए उनमें होटल, रेस्टोरेंट, कैफे, पब और हलवाई आदि भोजन परोसने वाले आउटलेट्स शामिल हैं। इन सभी को इस्तेमालशुदा तेल का बार-बार इस्तेमाल किये जाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया। फूड आउटलेट्स के ओनर्स के साथ ही किचन स्टाफ को इस अभियान के तहत यूज्ड कुकिंग ऑयल से होने वाली संभावित बीमारियों और उनके कारणों के बारे में विस्तार से बताया गया। यह भी बताया गया कि इस्तेमालशुदा तेल को कैसे फूड चेन से बाहर किया जा सकता है और किस तरह से रुको अभियान से जुड़कर खराब हो चुके इस तेल से आर्थिक लाभ कमाया जा सकता है।खाद्य एवं औषधि विभाग के डिप्टी कमिश्नर गणेश कंडवाल ने बताया कि तीन दिन चले इस कार्यक्रम में अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और फूड बिजनेस आउटलेट्स इसमें रुचि ले रहे हैं। कंडवाल ने कार्यक्रम के तहत खाद्य तेल का बार-बार इस्तेमाल किये जाने से होने वाली परेशानियों के बारे में बताया। कुकिंग ऑयल को कितनी बार इस्तेमाल किया जा सकता है और उसके बाद किस तरीके से एग्रीगेटर को दिया जा सकता है, इस बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी ने कहा कि इस कार्यक्रम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने और यूज्य कुकिंग ऑयल को फूड चेन से बाहर करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें उम्मीद के मुताबिक सफलता मिल रही है। एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने कहा कि उनकी संस्था विभिन्न फूड आउटलेट्स से यूज्ड कुकिंग ऑयल की सप्लाई चेन विकसित कर रही है। उन्होंने कहा की दून घाटी के अलावा सरकार के सहयोग से मसूरी, ऋषिकेश, विकासनगर में भी सप्लाई चेन विकसित करने को लेकर प्रयास हो रहे हैं।