उत्तराखंड में मीजिलस एवं रूबेला की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध , खसरा रूबेला को लेकर मीडियम रिस्क में है राज्य, 2017 और 2018 में चल चुका है वैक्सीनेशन अभियान, स्टेट टास्क फोर्स की बैठक में कई मुद्दों पर मंथन
देहरादून।उत्तराखंड राज्य में पूर्व में सभी सभी 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को लक्ष्य मानते हुए संपूर्ण राज्य में माह अक्टूबर 2017 से जनवरी 2018 तक मीजिल्स रूबेला वैक्सीनेशन अभियान आयोजित किया गया। जिसमें 2835 658 लक्षित बच्चों के सापेक्ष 2876 211 बच्चों को लाभान्वित किया गया भारत सरकार की ओर से देश में उन्हें मिलता रूबेला का उन्मूलन वर्ष 2023 तक नियंत्रण प्राप्त किए जाने के लिए संकल्प लिया गया है ,जिसके लिए राज्य सरकार खसरा और रूबेला युक्त टीको की दोनों खुराक के लिए 95 फीसदी कवरेज को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के दृष्टिगत भारत सरकार की ओर से खसरा रूबेला वैक्सीन की पहली डोज के कवरेज (NFHS-5 के अनुसार) बेसलाइन डाटा के आधार पर राज्यों को वेरी हाई रिस्क(outbreak reporting Districts), हाई रिस्क मीडियम रिस्क तथा लो रिस्क में वर्गीकृत किया गया है। जिसमें उत्तराखंड राज्य मीडियम रिश्तों में वर्गीकृत है। एमआर उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुक्रवार को स्टेट टास्क फोर्स की एक दिवसीय बैठक सचिव स्वास्थ्य डॉ आर.राजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें राज्य स्तर से निदेशक एनएचएम, राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी, प्रतिरक्षण टीम प्रभारी अधिकारी ,आईईसी प्रभारी अधिकारी , आईडीएसपी प्रभारी अधिकारी, आईटी तथा जनपद देहरादून ,हरिद्वार, नैनीताल, टिहरी एवं उधम सिंह नगर के जिला अधिकारी, सहायक जिला अधिकारी एवं स्टेट टास्क फोर्स के सदस्यों निदेशक पंचायती राज निदेशालय देहरादून ,निदेशक महिला एवं बाल विकास, निदेशक विधालयी शिक्षा उत्तराखंड ,आईएमए के प्रदेश और देहरादून अध्यक्ष, आईआईपी देहरादून, निदेशक चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ विभाग के साथ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्था यूएनडीपी जेएसआई तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भौतिक रूप से तथा से शेष सदस्यों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। सचिव स्वास्थ्य ने एमआर उन्मूलन के लिए 9 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को लेफ्ट आउट ड्रॉपआउट MR1 MR2 के कवरेज को 95% कवरेज तथा गैर खसरा गैर रूबेला के वांछित बेंच मार्क को प्राप्त करने के लिए सर्विलांस प्रचार-प्रसार करने तथा एमआर आउटब्रेक वाले क्षेत्रों में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को एक अतिरिक्त डोज से आच्छादित किए जाने के लिए विशेष ध्यान दिए जाने को अवगत कराया ।साथ ही विभाग के साथ विभाग अध्यक्ष एवं प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्था यूएनडीपी, जेएसआई तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एमआर उन्मूलन में सहयोग प्रदान करने के लिए अपेक्षा की गई, जिससे टीकाकरण के कवरेज को व्यापक पैमाने पर बढ़ावा दिया जा सके। बैठक के दौरान डॉ सरोज नैथानी निदेशक एनएचएम ने बताया कि एमआर उन्मूलन के लिए 9 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को लेफ्ट आउट ड्रॉपआउट MR1,MR2 की खुराक जनपदों में संचालित विशेष टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का प्रयास है कि मीजिलस का उन्मूलन तथा रूबेला पर वर्ष 2023 तक नियंत्रण प्राप्त किया जा सके। इस बारे में विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जनपदों एवं विभागाध्यक्षो को दिए जा चुके हैं।