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वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ  डॉ. शरण्या की राय, स्तनपान शिशुओं के साथ ही माताओं के लिए भी लाभदायक,जन्म के 1 घंटे के अंदर शुरुआती  ब्रेस्ट फीडिंग जरूरी बताई 

शिशु को 2 साल की उम्र तक कराई जाए ब्रेस्ट फीडिंग
सालाना 20,000 मातृ मृत्यु और 823,000 शिशु मृत्यु को कर सकते हैं समाप्त
एस.आलम अंसारी 
देहरादून । पैनेशिया अस्पताल देहरादून  की वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ  डॉ. शरण्या ने कहा कि
“स्तनपान न केवल रोकी जा सकने वाली मौतों को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक समृद्धि के लिए उत्प्रेरक भी है। हमें जन्म के एक घंटे के भीतर प्रारंभिक स्तनपान, छह महीने तक विशेष नर्सिंग और दो साल की उम्र तक निरंतर स्तनपान के महत्व को दोहराना और जोर देना चाहिए।हम सालाना 20,000 मातृ मृत्यु और 823,000 शिशु मृत्यु को समाप्त कर सकते हैं। कामकाज़ी  स्तनपान कराने वाली माताओं का समर्थन करने के लिए वैश्विक मानसिकता में बदलाव आवश्यक है। काम के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन जागरूकता, शिक्षा और समझ के साथ, हम उन्हें इन बाधाओं को दूर करने के लिए सशक्त बना सकते हैं। कामकाज़ी  महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली कमी को दूर करने के लिए स्तन के दूध की उचित देखभाल और संरक्षण महत्वपूर्ण है।पैनेशिया अस्पताल देहरादून  की डॉ. शरण्या  ने कहा कि  1992 में, वर्ल्ड अलायंस फॉर ब्रेस्ट फीडिंग एक्शन ने घटती दरों और बढ़ती शिशु मृत्यु दर के कारण स्तनपान के लिए सार्वजनिक समर्थन बढ़ाने के लिए स्तनपान जागरूकता शुरू की। विश्व स्तनपान सप्ताह अब विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और  वाबा का एक सहयोगात्मक प्रयास है। 2023 की थीम “स्तनपान को सक्षम बनाना: कामकाज़ी  माता-पिता के लिए बदलाव लाना” है – जो कामकाज़ी  माताओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालती है।
ये चुनौतियां हैं शामिल
• आधे अरब से अधिक कामकाज़ी  महिलाओं को राष्ट्रीय कानूनों में आवश्यक मातृत्व सुरक्षा नहीं दी जाती है।
केवल 20 फीसदी  देशों में नियोक्ताओं को कर्मचारियों को सवैतनिक अवकाश और स्तनपान कराने या दूध निकालने की सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता होती है।
6 महीने से कम उम्र के आधे से भी कम शिशुओं को केवल स्तनपान कराया जाता है।
स्तनपान से होने वाले फायदे
स्तनपान शिशु  के लिए  अत्यधिक महत्व रखता है। जैसे कि शिशुओं में रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है। शिशु के पोषक आहार मिलता है। योग्य सुदृढ़ एवं दिमागी विकास के लिए उपयुक्त है। अपूर्ण कार्यकाल में जन्मे शिशु के आंतो को संरक्षण देता है। स्तनपान सिर्फ शिशु नहीं माताओं के लिए भी लाभदायक है जैसे कि अंडाशय एवं स्तन कैंसर की संभावना को कम करता है। गर्भावस्था में बढ़े घाट वजन को कम करता है। आकसिटोसिन हारमोन्स प्रसुती के बाद  रक्तस्त्राव को कम करता है। स्तनपान शिशु जन्म के पहले घंटे के अंदर कराना चाहिए। पहले 6 महीने शिशु को केवल स्तनपान कराये कोई अन्न या पानी बिलकुल भी ना दें। पहला दूध गाढ़ा पीला रंग जिसे कोलोस्ट्रम बोलते हैं।वह शिशु के सुरक्षा पोषण के लिए अत्यधिक आवश्यक है। आज के आधुनिक समाज में कुछ भ्रांतियां फैली है जिस वजह से मातायें स्तनपान से संकोच करती हैं। हमें इन सब बातें से ऊपर उठकर अपने जच्चा और बच्चा के लिए स्वस्थ समाज बनाना है। इसलिए  यही निष्कर्ष है कि सबका यही संकल्प स्तनपान  का नहीं कोई विकल्प ।

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