उत्तरकाशी के पास सिल्क्यारा के पास सुरंग में मजदूरों की जिंदगी बचाने को प्रयास युद्ध स्तर पर जारी, 900 एमएम व्यास के पाइप व ऑगर ड्रिलिंग मशीन साइट पर पहुंचे, मौके पर विशेषज्ञ और इंजीनीयर्स मौजूद
उत्तरकाशी । सिल्क्यारा के पास सुरंग में
भू धंसाव से अवरुद्ध हिस्से में बड़े व्यास के एमएस पाइप डालकर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए क्षैतिज ड्रिलिंग के लिए ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। 900 एमएम व्यास के पाइपों से लदे ट्रक मध्यरात्रि से ही सिलक्यारा पहुंचना शुरू हो गए हैं।सिलक्यारा टनल के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए ऑगर मशीन की सहायता से बड़े व्यास के एमएस पाईप डालने की तैयारी अंतिम दौर में है, कुछ ही देर में अवरुद्ध हिस्से में पाईप डालने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। मौके पर जरूरी साजो सामान के साथ विशेषज्ञ व इंजीनीयर्स मौजूद है।
सिल्क्यारा बचाव के लिए तैयारी
1- 900 मिमी व्यास के पाइप। साइट पर पहुंचे.
2-ऑगर ड्रिलिंग मशीन साइट पर पहुंच गई है.
3-ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है.
4-ऑगर ड्रिलिंग मशीन की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
लैंडस्लाइड की स्टडी और कारणों की जांच के लिए
विशेषज्ञों की टीम कर रही निरीक्षण
शासन के द्वारा सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच समिति में शामिल विशेषज्ञों का यह दल बीते दिन ही घटनास्थल पर पहुँच गया था। दल के द्वारा सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया जा रहा है। विशेषज्ञों के इस दल यूएसडीएमए देहरादून के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. खइंग शिंग ल्युरई, जीएसआई के वैज्ञानिक सुनील कुमार यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की कौशिल पंडित, उपनिदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग जी.डी प्रसाद और भूवैज्ञानिक यूएसडीएमए देहरादून तनड्रिला सरकार शामिल हैं।