उत्तराखण्डदेहरादून

सैनिक कल्याण मंत्री जोशी ने कहा,अंतिम चरण में  है  उत्तराखंड के पंचम धाम सैन्य धाम का निर्माण कार्य , शीघ्र प्रदेश की जनता को समर्पित किया जाएगा सैन्यधाम

सैनिक कल्याण मंत्री ने किया देहरादून स्थित गुनियाल गांव में सैन्यधाम निर्माण स्थल का निरीक्षण
देहरादून। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को देहरादून स्थित गुनियाल गांव में सैन्यधाम निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री  जोशी ने निर्माण कार्यों में कुछ खामियों पर अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई।
निरीक्षण के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री  जोशी ने सैन्य धाम में अंकित किए जाने वाले शहीदों के नाम पर उनकी वीरता जैसे अशोक चक्र, परमवीर चक्र, सेना मेडल  इत्यादि  पदकों के नाम का उल्लेख न होने पर जमकर अधिकारियों पर बरसे। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए उसे दुरुस्त करने के निर्देश दिए । निरीक्षण के बाद  सैनिक कल्याण मंत्री  जोशी ने कैंप कार्यालय में सैनिक कल्याण के उच्च अधिकारियों व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। सैनिक कल्याण मंत्री ने बैठक के दौरान सैन्य धाम निर्माण से संबंधित आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्य में इस्तेमाल सामग्री की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने की निर्देश दिए।सैनिक कल्याण  मंत्री ने कहा कि  सैन्य धाम का निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है। सैनिक कल्याण मंत्री  जोशी ने कहा कि  यह सैन्य धाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना और प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने कहा कि  सैन्य धाम का निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है। सैनिक कल्याण मंत्री जोशी ने निर्देश देते हुए कहा उत्तराखंड में बन रहे सैन्यधाम की भव्यता व दिव्यता का भी विशेष ध्यान दिया जाए।उन्होंने कहा कि  जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण होगा और यह पंचम धाम सैन्य धाम वीर नारियों, वीर माताओं और प्रदेश की जनता को समर्पित किया जायेगा।
इस अवसर पर सचिव दीपेंद्र चौधरी, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, उपनिदेशक कर्नल एमएस जोधा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
कहा, शहीद पदक विजेताओं के आगे उनकी वीरता का
उल्लेख ना करने के दोषियों का काटे वेतन
देहरादून:सैनिक कल्याण मंत्री  जोशी ने मीडिया से   कहा कि  सैन्य धाम करोड़ो लोगों की आस्था का केंद्र है। जोशी  ने कहा  कि देश की सीमा पर रक्षा करने वाला हर पांचवा सैनिक उत्तराखंड से होता है। जिस सैनिक ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है और उसकी बहादुरी  के लिए देश के राष्ट्रपति द्वारा उनकी वीरता के लिए अशोक चक्र, महावीर चक्र, सेवा मेडल जैसे पदकों से नवाजा गया है। सैन्य धाम में उनका नाम लिखना और शहीद पदक विजेताओं के आगे उनकी वीरता का उल्लेख न होना सैनिक की वीरता के साथ अन्याय है। जोशी ने कहा कि उन्होंने सचिव सैनिक कल्याण को निर्देश दिए कि जो भी इसमें प्रथम दृष्टया   दोषी हैं, उस संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित कर उनके वेतन से कटौती की जाए और व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए ।

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