Loksabha Election 2024 : सोशल मीडिया चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को बताया देश की आवाज, कहा- 10 साल से बहुत सारी परेशानियां झेल रहा देश, नारी न्याय, युवा न्याय, किसान न्याय व श्रमिक न्याय देश की तक़दीर बदलेगा यह मेनिफेस्टो
कांग्रेस की सोशल मीडिया चेयरमैन ने गिनाई घोषणा पत्र की खूबियां
कहा , यह घोषणा पत्र कमरे में बैठकर पूंजी पतियों की लिस्ट पर नहीं बना
देहरादून। देश में कांग्रेस की सरकार आने पर 30 लाख रिक्त सरकारी पद भरे जाएंगे,हर शिक्षित युवा को एक लाख सालाना के हिसाब से अप्रेंटिसशिप मिलेगी, पेपर लीक से युवाओं को मुक्ति दिलाई जाएगी।
यह बात रविवार को कांग्रेस मुख्यालय में
कांग्रेस की सोशल मीडिया चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेत ने घोषणा पत्र की खूबियां गिनाते हुए कही। उन्होंने कहा कि ये घोषणा पत्र कमरे में बैठकर पूंजी पतियों की लिस्ट पर नहीं बना है ,यह घोषणा पत्र कुछ विशेषज्ञ या जानकारों से बात करके नहीं बना है। यह घोषणा पत्र इस देश की आवाज है, इसकी जो वेबसाइट है, उसका नाम भी है “आवाज भारत की।”
और यह घोषणा पत्र भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जिन करोड़ों करोड़ लोगों से हम इस देश के मिले जिनकी आशाओं को, अपेक्षाओं को, आकांक्षाओं को और आशंकाओं को भी, उनके दुख,कष्ट और तकलीफों को भी हमने सुना, यह उसका प्रतिबिंब है और इस घोषणा पत्र के पांच प्रमुख बिंदु है।
नारी न्याय, युवा न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय, देश की तक़दीर बदल देगी।10 साल से देश बहुत सारी परेशानियां झेल रहा है और उन सारी परेशानियों का इस घोषणा पत्र में समाधान है। पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन महारा अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा नियुक्त मीडिया प्रभारी डॉक्टर चयनिका उनियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन) मथुरादत्त जोशी,चीफ कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि, मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, राजनीतिक एवं मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, उत्तराखंड सोशल मीडिया अध्यक्ष विकास नेगी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट,सुनीता प्रकाश प्रदेश संयोजक सोशल मीडिया विशाल मौर्य उपस्थित रहे।
युवा न्याय: इस देश में बेरोजगारी अपने 45 साल की चरम सीमा पर है।हमने युवा न्याय की बात की हैं। 30 लाख रिक्त सरकारी पद भरे जाएंगे, हर शिक्षित युवा को एक लाख सालाना के हिसाब से अप्रेंटिसशिप मिलेगी, पेपर लीक से युवाओं को मुक्ति दिलाएगी कांग्रेस।
एक योजना उत्तराखंड के युवाओं के लिए है सारे देश को पता है कि उत्तराखंड के तमाम युवा इस देश की सेना में अपनी शौर्य और पराक्रम की सेवाएं देते हैं और इस सरकार ने सेना की मनोबल को तोड़ने के लिए उनके शौर्य और पराक्रम का उपहास उड़ाया जब इन्होंने 4 सालों के लिए ठेके पर अग्नि वीर रखने शुरू कर दिए अग्निपथ योजना के माध्यम से हमारी पार्टी का संकल्प है कि हम इस अग्निवीर योजना को पूरी तरह से खत्म कर देंगे और पूर्व की भांति सेना को उसका खोया हुआ गौरव लौटाएंगे।
नारी न्याय: अब बात करते हैं नारी न्याय की कहा जाता है कि यदि एक महिला शिक्षित होती है तो उसका पूरा परिवार पर शिक्षित हो जाता है हमारा मानना है कि यदि एक महिला के हाथ में पैसा आएगा तो उसके परिवार की ही तरक्की होगी इसलिए हम महालक्ष्मी योजना के तहत गरीब परिवार की मुखिया के अकाउंट में 100000 सालाना डालेंगे। नई सरकारी नौकरियों में 50% आरक्षण महिलाओं के नाम होगा, महिलाओं को सुरक्षित और संरक्षित माहौल देने के लिए कामकाजी महिलाओं के लिए महिला हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा, यह वूमंस हॉस्टल हर जिले में होगा, हनुमान तौर पर यह देखा गया है कि महिला के साथ अपराध तब होता है जब उसे अपने हक के बारे में पता नहीं होता है, हर महिला पंचायत में एक नारी मैत्री कार्यक्रम के अंतर्गत एक महिला की नियुक्ति की जाएगी जो महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देने का काम करेगी और उनके कानूनी विकल्पों के बारे में उन्हें बताएगी।
किसान न्याय: अब बात करते हैं किसान न्याय की उत्तराखंड की उपज आज पूरे देश और विश्व में जानी जाती है पिछले 10 सालों में किसानों ने जब-जब अपने हक की बात की तब तब उनके ऊपर बर्बरता की गई और जब वह दिल्ली आना चाहते थे तो किसी तानाशाह ने दिल्ली को अपनी बपौती समझते हुए उनके लिए कीलें तक बिछा दीं। 700 किसानों ने अपनी शहादत दे दी। किसान आंदोलन में किसी तानाशाह का दिल नहीं पिघला और एमएसपी पर कानून आज तक नहीं बदला।
श्रमिक न्याय:मनरेगा और सभी मज़दूरी का न्यूनतम मानदेय बढ़ा कर 400 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा
ज़ोमैटो, स्वीगी जैसी कंपनी में काम करने वालों की क़ानून से मिलेगी सामाजिक सुरक्षा।
25 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य योजना – जिसमें इलाज, टेस्ट, दवाई सब मिलेगा
हिस्सेदारी न्याय: गिनती करो: देश के लोगों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए आर्थिक और जातिगत जनगणना होगी। जल, जंगल, ज़मीन का क़ानूनी हक़ – वन अधिकार क़ानून वाले पट्टों का 1 साल में फ़ैसला। वन अधिकार अधिनियम लागू किया जाएगा ।आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र अधिसूचित होंगे ।