फुल एक्शन में सीएम धामी : वनाग्नि नियंत्रण और रोकथाम को लेकर लापरवाही बरतने वाले 17 वन कर्मियों पर गिरी गाज,10 वन अधिकारी-कर्मचारी निलंबित, 7 पर अनुशासनात्मक कार्यवाही, सचिवों को दी वनाग्नि नियंत्रण की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने दिखाई तीखे तेवर, कहा -आग लगाने में शामिल तत्वों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए
सीएम ने की वनाग्नि, पेयजल, मानसून सीजन, चार धाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा
देहरादून। उत्तराखंड में धधक रहे जंगलों की आग बुझाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने चुनावी कार्यक्रमों से लौटकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। वनाग्नि नियंत्रण और रोकथाम को लेकर लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 फील्ड अफसरों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनके साथ ही 7 वन कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की गई है। बुधवार को सचिवालय में वनाग्नि को रोकने के लिए की जा रही कार्यवाही और आगामी मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री धामी तैयारियों की समीक्षा की। वनाग्नि को रोकने और जन जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री फायर लाइट बनाने की कार्यवाही में प्रतिभाग करेंगे। मुख्यमंत्री ने वनाग्नि पर पूर्ण नियंत्रण के लिए सभी सचिव को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी देने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायेंगे। बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, रंजीत सिन्हा, दिलीप जावलकर, विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, एडीजी ए.पी अंशुमान, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।
मानसून से पूर्व सभी तैयारियां करें सुनिश्चित
आगामी मानसून सीजन की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन की कार्यवाही पूर्ण की जाय। नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय पर पूर्ण किये जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी पुराने ब्रिजों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। वर्षाकाल के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में वैली ब्रिज की पूर्ण व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। यह भी आंकलन किया जाए कि डैम के बनने से वर्तमान समय तक डैम की गहराई और क्षेत्रफल की स्थिति क्या है।
प्रो-एक्टिव एप्रोच से काम करें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता के साथ ही पूरी तैयारी की जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। आपदा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम तैयार रखी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ कार्य करें। पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। स्वच्छ पेयजल के लिए पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं रखी जाय।
चारधाम यात्रियों को मिले मौसम से संबंधित जानकारी
चारधाम यात्रा के दृष्टिगत भी सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखने के मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि मौसम की जानकारी से संबंधित अलर्ट एसएमएस के माध्यम से लोगों को मिले। चारधाम और मौसम से संबंधित अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी विभाग अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील स्थलों और चारधाम यात्रा मार्गों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था की जाय।