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ओडिशा के ‘मास्टर क्राफ्टर्स’ प्रदर्शनी में पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पाद का बोलबाला, शिल्पकारों को बढ़ा आत्मविश्वास

भुवनेश्वर। प्रतिभा और कलाकारी का जादू कुछ हुनरबाजों के हाथों में होता है, जो उन्हें देश विदेश में पहचान दिलाती है। ऐसी ही शानदार प्रतिभा की झलक ओडिशा में में देखने को मिली। वहां के शिल्प परिषद ने भुवनेश्वर में मास्टर क्राफ्टर्स’ नामक पहली हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जहां प्रदर्शन में पट्टाचित्र, पत्थर के पात्र, पिपली, इकत, ढोकरा, चांदी की फिलीग्री और हाथ से बुने हुए पारंपरिक उत्पादों की एक श्रृंखला शामिल थी, जिसे देखकर हर कोई हैरान हो जा रहा था। बता दें कि यह 30 अप्रैल से 1 मई तक दो दिवसीय कार्यक्रम था।
शिल्प परिषद के अध्यक्ष संतोष महापात्रा ने कहा, इस आयोजन का जोर कुछ बेहतरीन कारीगरों के काम को प्रदर्शित करने के लिए है, जिन्हें उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है जैसे कि पट्टाचित्र काम , पत्थर की नक्काशी, ताड़ का पत्ता, पिपली का काम, चांदी की फिलाग्री, सीशेल वर्क और इकत बुनाई।
अध्यक्ष ने आगे कहा कि यह प्रदर्शनी ओडिशा जैसे शिल्प-समृद्ध राज्यों के उत्पादों के विपणन के संबंध में एक बेबी स्टेप की तरह है। क्योंकि आने वाले वक्त में हस्तशिल्प उत्पाद और इसकी कारीगरी दोनों की मांग बाजार में बढ़ेगी। अध्यक्ष ने कहा, शिल्प के विकास और शिल्पकारों के लाभ के लिए आने वाले दिनों में कई और गतिविधियां शुरू की जाएंगी।
हस्तशिल्प कलाकार पंकज साहू, जिन्होंने 2018 पुरुष हाकी विश्व कप में खिलाड़ियों को दिए गए स्मृति चिन्ह के चांदी के काम के माध्यम से प्रतिकृतियां बनाईं, उन्होंने इस आयोजन के लिए ओडिशा की शिल्प परिषद का आभार व्यक्त किया।
कलाकृति अब कई पीढ़ियों से हमारे परिवार में है। मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए शिल्प परिषद का आभारी हूं जो कलाकारों को अपने काम का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि यह आयोजन कलाकार को शिल्प प्रेमियों को अपना उत्पाद बेचने का अवसर प्रदान करता है।

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