उत्तराखण्ड

राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा, सरकारी नौकरियों पर उत्तराखण्ड की महिलाओं के अधिकार को सीएम धामी ने किया देने का काम, 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण कानून पारित कराने पर जताया आभार

  • बोली, मैंने खुद मुख्यमंत्री से मुलाकात कर किया था जल्द सदन में कानून लाने का अनुरोध

  • धर्मान्तरण के खिलाफ सख्त कानून में दस साल की सजा के फैसले का किया स्वागत

देहरादून। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने उत्तराखंड की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 फीसदी  क्षैतिज आरक्षण के संबंध में विधानसभा सदन में कानून पारित करने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से बात कर के निवेदन किया था कि महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण पर सरकार जल्द सदन में कानून लाए। जिसको उन्होंने प्राथमिकता से लिया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं का यह अधिकार है कि यह महिलाएं विभिन्न विषम परिस्थितियों से निकलकर सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करके आगे बढ़ती हैं। उत्तराखंड की सरकारी नौकरियों पर इनका विशेष अधिकार है जो कि मुख्यमंत्री ने उन्हें दिया है इस विषय पर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग व सभी महिलाएं उनका हार्दिक आभार धन्यवाद व्यक्त करती हैं।
इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने धर्मांतरण के विरुद्ध कठोर कानून में 10 साल की सजा के फैसले का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमारे समाज की नीचे तबके की महिलाएं धर्मांतरण का शिकार होती थी जो कि इस को रोकने का काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी   के नेतृत्व में हमारे उत्तराखण्ड की सरकार महिलाओं के हित मे लगातार कार्य कर रही है। आज महिलाएँ सशक्त हो रही है, और अपने अधिकारों को जान रही है। महिलाओं के हितों और अधिकारों का यदि कही भी हनन हो रहा है तो महिलाएँ आवाज उठा रही है और उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग ऐसी महिलाओं के उन्हें न्याय दिलाने के लिए सदैव तत्पर है।

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