प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, भाजपा का अवैध कब्जों के मामले में न किसी को सरंक्षण, न समर्थन,पूरे प्रदेश में पार्टी का अतिक्रमण के खिलाफ रुख साफ , किसी भी मामले में कानून करेगा अपना काम
शराब, खनन और भू माफियाओं को सरंक्षण देने वाले अपनी कारगुजारियों को स्वीकारें
भ्रष्टाचार के मामलों मे भाजपा का दामन पाक साफ , लेकिन कांग्रेस मे ऐसा कहने का साहस नही
देहरादून। भाजपा ने कहा कि सरकार प्रदेश में सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए दृढ़ संकल्प है इसके लिए उसका न किसी को सरंक्षण है और न समर्थन।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी के निजी मामलों में आरोप का जवाब पार्टी नही, बल्कि संबंधित व्यक्ति अथवा संस्थान दे सकता है और भाजपा निजी मामलों मे किसी की पैरोकार नही है। उन्होंने कहा कि देहरादून हो या हरिद्वार अथवा पूरे प्रदेश में भाजपा का अतिक्रमण के खिलाफ रुख साफ है। किसी भी मामले मे कानून अपना कार्य करेगा।
भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व मे प्रदेश में लव जिहाद और लैंड जिहाद के खिलाफ अभियान जोर शोर से चल रहा है। सीएम इसे लेकर अपना संकल्प दोहरा चुके हैं। सरकारी भूमि से हर हाल मे कब्जा हटाकर लैंड जिहाद को नेस्तनाबूद किया जायेगा।
भट्ट ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि बेहतर होता कि उसकी दृष्टि हर ओर होती और वह रचनात्मक विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करता।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एकतरफा व्यक्तिगत आरोपों से तो यही स्पष्ट हो रहा है कि उन्हें अतिक्रमणों पर कठोरतम कार्रवाही से बहुत पीड़ा हो रही है । तभी वह सरकार की और से की जा रही कड़ी कार्यवाही से ध्यान भटकाने के लिए तमाम व्यक्तिगत प्रकरणों की अपुष्ट जानकारी पर राजनैतिक बयानबाजी करने पर उतर आए हैं । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों मे भाजपा का दामन पाक साफ है, लेकिन कांग्रेस मे ऐसा कहने का साहस नही है। माफियाओं की कठपुतली रही कांग्रेसी सरकारे देश और राज्य देख चुकी है। शराब, खनन और भू माफियाओं को सरंक्षण देने वाले बेहतर होता कि अपनी कारगुजारियों को स्वीकार करते, जबकि जनता उन्हे इसके लिए दंडित कर चुकी है। कांग्रेस काल मे ही सर्वाधिक सरकारी जमीनों को लुटाया गया था और इसमें उसका तुष्टिकरण का खेल भी था।
जहाँ तक भाजपा का सवाल है तो मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की सरकार ने काल खंड और दलगत भावना को देखे बिना निर्णय लिए और विधान सभा अथवा भर्ती मामलों की जांच कर नैतिक साहस दिखाया और पारदर्शिता का उदाहरण पेश किया। देश और राज्य मे भ्रष्टाचार की जननी रही कांग्रेस को दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां मे झांकने की जरूरत है।