सीएम पुष्कर धामी का फरमान, सेवा के अधिकार में अधिक से अधिक सेवाएं जोड़ी जाएं, सभी विभागों को समयबद्धता के साथ अपनी सेवाओं को ऑनलाईन किये जाने पर देना होगा ध्यान
मुख्यमंत्री धामी ने की सेवा का अधिकार आयोग की समीक्षा
सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के भाव को आत्मसात कर समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान देने को कहा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सेवा का अधिकार आयोग के स्तर पर संचालित कार्यक्रमों एवं प्रक्रियाओं की आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ ही शासन के उच्चाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने आयोग के कार्यकलापों एवं प्राप्त जन शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रियाओं के साथ जन सेवाओं की आम जनता तक पहुंच आसान बनाने पर बल देते हुए कहा कि हमारे राज्य की कतिपय अन्य सेवाओं की भांति सेवा का अधिकार के क्षेत्र में भी देश में मॉडल राज्य के रूप में पहचान बने इस दिशा में प्रयास होने चाहिए। इसके लिए सभी विभागों को समयबद्धता के साथ अपनी सेवाओं को ऑनलाईन किये जाने पर ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के अधिकार में अधिक से अधिक सेवाएं जोड़ी जानी चाहिए तथा उन्हें ऑनलाईन किये जाने पर ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने सेवा के अधिकार की सेवाओं के निस्तारण में भी सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के भाव को आत्मसात कर समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सेवाओं की लोगों को जानकारी हो इसके लिए हमे लोगों को इससे जोड़ना होगा। आम जनता को सभी सेवायें एक जगह पर मिल जाए इसका भी पोर्टल बनाये जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि कि समस्याओं के निस्तारण के साथ लोगों को सेवाओं से संतुष्ट किये जाने के भी प्रयास हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने जनपदों में समय-समय पर कैम्पों के आयोजन की व्यवस्था बनाये जाने को कहा तथा प्रशिक्षण व्यवस्था को प्रभावी बनाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने सेवा का अधिकार आयोग के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने पर बल देते हुए कहा कि हमारी सरकार सरलीकरण,समाधान और संतुष्टि को जनसेवा का मूल मंत्र मानती है। कोई भी निर्णय लेते समय हमें जन सेवा के भाव को केन्द्र में रखना होगा। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपनी अपनी सेवाओं को त्वरित और संतुष्टि के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़े। जो लाभार्थी हैं विभागीय अधिकारी उनसे सेवा प्राप्त करने में कठिनाईयों एवं सरलता के अनुभवों पर भी वार्ता करें। साथ ही जो काम नहीं हो पा रहा हो उसके संबंध में भी आवेदक को काम नहीं होने का कारण बताये जाने तथा उसका निवारण क्या हो सकता है विभागीय ज़िम्मेदार अधिकारी इसमें आम जन का मार्गदर्शन करें। हमारी आदत होनी चाहिए कि आम आदमी को समस्या के समाधान का रास्ता भी बताया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के अधिकार में अधिक से अधिक सेवाएं जोड़ी जानी चाहिए तथा उन्हें ऑनलाईन किये जाने पर ध्यान दिया जाए। वर्तमान दौर में तकनीक का विकास जिस तेजी से हो रहा है, उसमें सेवाओं का लाभ आम जनमानस को तेजी से मिले, इसके लिए उन्हें जागरूक भी किया जाए। ऑनलाईन प्रक्रियाओं के तहत जो भी सेवाएं दी जा रही हैं, इन सेवाओं का व्यापक स्तर पर आम जन तक प्रसार भी किया जाए। लाभार्थियों के सकारात्मक अनुभवों के छोटे-छोटे वीडियो क्लिप बनाकर उन्हें प्रसारित किया जाए। इससे सेवा लेने वालों की तादात बढ़ेगी। ।बैठक में सेवा का अधिकार आयोग के सदस्य अनिल रतूड़ी, बी.एस. मनराल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली, एस.एन.पाण्डे, सचिन कुर्वे, डॉ बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, पंकज कुमार पाण्डेय, रविनाथ रामन, दिपेन्द्र चौधरी, महानिदेशक शिक्षा एंव सूचना बंशीधर तिवारी, आयोग के सचिव जी.सी.गुणवत्त सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद थे।
अध्यक्ष एस. रामास्वामी ने बताया ,
आयोग के गठन 2014 से 2021 तक अधिसूचित की गई 247 सेवायें
देहरादून। सेवा का अधिकार आयोग के अध्यक्ष एस. रामास्वामी ने बताया कि आयोग के गठन 2014 से 2021 तक 247 सेवायें अधिसूचित की गई। 2.14 करोड़ आवेदन निस्तारित किये गये तथा 29,152 मामले सुने गये। वर्तमान में 48 विभागों की 855 सेवायें अधिसूचित है। 2021 से मार्च 2023 तक 1.29 करोड़ आवेदनों का निस्तारण तथा 47807 मामलों की सुनवाई की गई।