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49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस में बोले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह,  देश की आज़ादी की शताब्दी मनाने के  वक्त  हर क्षेत्र में  सर्वप्रथम हो भारत , हर क्षेत्र में करनी होगी परिश्रम की पराकाष्ठा 

देश की कानून-व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा चाक-चौबंद पहली शर्त होगी 
कहा ,कोई भी देश जब तक अपनी आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा चाक-चौबंद नहीं करता, तब तक विकास नहीं हो सकता
देहरादून। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह ने शनिवार को वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय गृह सचिव और BPR&D के महानिदेशक मौजूद  थे।  केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये सम्मेलन अमृतकाल में हो रही पहली पुलिस विज्ञान कांग्रेस है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने आज़ादी के 75 से 100 साल के बीच के कालखंड को अमृतकाल का नाम दिया है। ये अमृत काल की यात्रा भारत के हर नागरिक के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री  ने इस काल को हम सबके सामने संकल्प और उसे सिद्ध करने के काल के रूप में रखा है।  शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी ने देशवासियों के सामने ये लक्ष्य रखा है कि जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी, उस वक्त विश्व में हर क्षेत्र में भारत सर्वप्रथम हो, ऐसे भारत का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए हर क्षेत्र में परिश्रम की पराकाष्ठा करनी होगी और इसकी पहली शर्त है कि देश की कानून-व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा चाक-चौबंद हों। उन्होंने कहा कि कोई भी देश जब तक अपनी आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा चाक-चौबंद नहीं करता, तब तक विकास नहीं हो सकता। कानून-व्यवस्था की अच्छी स्थिति ही विकास के लिए पहली शर्त है और इसके लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में गृह मंत्रालय ने देश में कानून-व्यस्था को और सुदृढ़ करने के अनेक परिवर्तन किए हैं, अमृतकाल में इन परिवर्तनों को जमीन पर उतार कर इनका सुफल देश को देने का समय है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का कम्पेन्डियम, BPR&D की प्रतिष्ठित हिन्दी पत्रिका (पुलिस विज्ञान) और उत्तराखंड पुलिस- मार्चिंग विद द टाइम्स पत्रिका का विमोचन हुआ है। उन्होंने कहा कि BPR&D को मज़बूत करने के लिए विगत 5 सालों में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं। BPR&D के चार्टर में समुद्री सीमा प्रबंधन और CAPF का क्षमता निर्माण, आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां, पुलिस की छवि और पुलिस समुदाय इंटरफेस के साथ और कई चीजों को जोड़ा गया है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में 2019 से 2023 तक देश में हर क्षेत्र में कई बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय से लेकर देश के अंतिम पुलिस थाने तक इन परिवर्तनों को ज़मीन पर उतारने का पूरा खाका इस पुलिस विज्ञान कांग्रेस के दौरान रखा जाएगा। शाह ने कहा कि इस पुलिस विज्ञान कांग्रेस के दौरान छह विषयों पर विचार विमर्श होगा- 5जी युग में पुलिसिंग, नारकोटिक्स- एक गेम चेंजिंग दृष्टिकोण, सोशल मीडिया की चुनौतियां, सामुदायिक पुलिसिंग, आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां और पुलिस और CAPFs के बीच समन्वय-सीमाओं की सुरक्षा। उन्होने कहा कि ये सभी विषय आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और सीमाओं की सुरक्षा को In-toto कवर करने वाले विषय हैं। उन्होंने कहा कि Police Reform और Police Reforms, दोनों की अलग परिभाषा है।
पुलिस बल को तकनीकी व मानसिक दक्षता के साथ उन्नत तकनीकी तथा सक्षम माध्यमों से सुसज्जित रहने की जरुरत: सीएम धामी 
देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने एफ.आर.आई देहरादून में केन्द्रीय सहकारिता गृह मंत्री  अमित शाह का स्वागत करते हुए कहा कि 49वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस की मेजबानी करने का अवसर उत्तराखण्ड को मिला, यह राज्य के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आगामी 25 वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके लिए हर क्षेत्र में प्रगति करना जरूरी है। इसलिए पुलिस बलों की क्षमता के विकास के लिए  इस प्रकार के आयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। वर्तमान परिदृश्य में अपराध और अपराधी पारम्परिक प्रणालियों से काफी आगे निकल गये हैं, संगठित अपराध अधिक हो रहे हैं,साथ ही साइबर क्राइम के मामलों में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स जैसी आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग भी अपराधियों द्वारा किया जा रहा है। पुलिस बल को तकनीकी व मानसिक दक्षता के साथ उन्नत तकनीकी तथा सक्षम माध्यमों से सुसज्जित रहने की आवश्यकता है। इसके लिए गृहमंत्री  के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को विशेष सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने आशा जताई  कि इस पुलिस कांग्रेस में व्यापक विचार-विमर्श और सार्थक चर्चाओं द्वारा पुलिसिंग तथा आंतरिक सुरक्षा के अतिरिक्त साइबर सिक्योरिटी व डाटा चोरी की रोकथाम के लिए  महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस ने साईबर अपराध की रिपोर्टिंग के लिए ई-सुविधा, मामलों के त्वरित निस्तारण पर बल देने के साथ ही जन जागरूकता अभियानों से जनता को सचेत भी किया है। उत्तराखण्ड पुलिस ने विभिन्न एप्लिकेशन्स लांच किए हैं, जिनके द्वारा प्रभावी पुलिसिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हुई है।  ऑपरेशन मुक्ति भीख मांगने कचरा इक्ट्ठा करने तथा अन्य छोटे काम करने को बाध्य बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलाने के साथ ही इस अभियान के ध्येय वाक्य ’भिक्षा नहीं शिक्षा दें’ को सार्थकता प्रदान की गई है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री  सतपाल महाराज,  प्रेमचन्द अग्रवाल,  सौरभ बहुगुणा, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, माला राज्य लक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद  कल्पना सैनी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायकगण, सचिव गृह, भारत सरकार अजय कुमार भल्ला, उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव गृह  राधा रतूड़ी, महानिदेशक पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो बालाजी श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

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