वयस्कों को बूस्टर डोज देने पर अभी तक नहीं लिया गया कोई फैसला
सरकार की प्रथमिकता अधिकतम आबादी का हो टीकाकरण
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत देश की वयस्क आबादी को बूस्टर डोज लगाने की चर्चा हो रही है। इस बीच, खबर है कि अभी तक इसे लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को बूस्टर या प्रीकाशन डोज देने पर अभी तक फैसला नहीं लिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी को बताया, श्भारत सरकार ने देश की अधिकतम आबादी का डबल डोज टीकाकरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के लिए बूस्टर खुराक पर निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है।श्
सूत्रों ने कहा कि सरकार और वैज्ञानिक पैनल चरणबद्ध तरीके से 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए प्रीकाशन डोज शुरू कर सकते हैं लेकिन यह सब देश में कोरोना की स्थिति पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि इस वक्त सरकार की प्राथमिकता देश की अधिकतम आबादी का टीकाकरण है।
बूस्टर डोज की प्राथमिकता दूसरी डोज लगने के नौ महीने से लेकर 39 हफ्ते पूरे होने के आधार पर तय की जाएगी। बता दें कि भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज सोमवार शाम को 181.52 करोड़ (1,81,52,45,644) को पार कर गया है। सोमवार शाम सात बजे तक 27 लाख (27,07,127) से अधिक वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है।
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि कोविड टीकों से जुड़े सभी दस्तावेज और उनका संयोजन सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। साथ ही टीके बेहद प्रभावी और सुरक्षित पाए गए हैं।शीर्ष अदालत उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कोविड टीकों के क्लीनिकल ट्रायल और टीके लगने के बाद के आंकड़ों को उजागर करने के निर्देश देने की मांग की गई है। केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ को बताया कि टीकाकरण की रियल-टाइम के आधार पर निगरानी की जा रही है। हर वायल (टीके की शीशी) को कोल्ड स्टोरेज में रखा जा रहा है। हमारे पास वैक्सीन वायर मानिटर्स हैं जो टीका लगते ही आंकड़े उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा, श्याचिकाकर्ता की दलील है कि वह नहीं जानते कि टीका क्या है और उसके अवयव क्या हैं। सभी दस्तावेज सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। पूरा संयोजन, क्लीनिकल ट्रायल के विवरण, चिकित्सकीय लक्षण इत्यादि सभी केंद्र के काउंटर पर दिए गए हैं। हमने क्लीनिकल ट्रायल के अनुभव भी साझा किए हैं और टीकों से संबंधित कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया है।