ग्लोबल लीडर बनने के लिए निजी क्षेत्र को हाथ थामकर आगे बढ़ाएगी सरकार
कैबिनेट सचिव ने केंद्र सरकार के सभी सचिवों को लिखा पत्र
नई दिल्ली। देश के विकास में निजी क्षेत्र की अहमियत को मानते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उनके साथ पूरा सहयोग करें। इसका उद्देश्य मैन्यूफैक्चरिंग और रोजगार सृजन के साथ भारतीय कंपनियों को ग्लोबल लीडर बनाना है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को फील्ड पर जाने, कंपनियों की जरूरतों और समस्याओं को समझने और उसके निवारण का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि पूरी प्रक्रिया सरल हो। विकास को गति देने के लिए प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र की छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज करने और संबंधित पाविधानों को सीमित व संशोधित करने पर भी बल दिया है।
कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के सचिवों के साथ बैठक की थी। इसमें कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई थी और सचिवों से कहा गया था कि विभागों में खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरें। यह बहुत बड़ा भर्ती अभियान होगा क्योंकि केंद्र सरकार में ही लाखों पद खाली पड़े हैं। सरकार का मानना है कि आर्थिक विकास में सरकार सहायक और उत्प्रेरक की भूमिका निभाती है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी सचिवों को पत्र लिखकर उन सभी मुद्दों पर तेजी से कदम बढ़ाने को कहा है जिसे प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया था। कैबिनेट सचिव ने 15 बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई करने को कहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक सेना में पद के मुकाबले भर्ती होने की इच्छुक महिला अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा है। महिलाओं के लिए रिक्तियां बढ़ाने से भारतीय सेना को लंबे समय में अफसरों की कमी को दूर करने में भी मदद मिलेगी। भारतीय सेना में महिलाओं की भर्ती के लिए जो चार कोर्स हैं, उनमें आवेदकों की संख्या पूर्ण होती है। भर्ती प्रक्रिया के आखिर में रिक्त पदों की तुलना में दो गुना महिला अभ्यर्थी ऐसी पाई जाती हैं, जो शारीरिक रूप से फिट होने के साथ योग्य भी होती हैं, लेकिन पद की कमी के चलते उनका चयन नहीं हो पाता। रिपोर्ट के मुताबिक गैर तकनीकी पदों पर पुरुषों के अनुपात में 2015 के 29 प्रतिशत के मुकाबले 2019 में रिक्तियों की संख्या बढ़कर 50 प्रतिशत हो गई है, लेकिन तकनीकी क्षेत्र की रिक्तियां इस दौरान 16 प्रतिशत से घटकर आठ प्रतिशत पर आ गईं। कैग ने रक्षा मंत्रालय को भी इस पहलू पर गौर करने की सलाह दी है।